हिंदी प्रेम कहानी | इंडियन प्रेम स्टोरी | अनोखी लव स्टोरी इन हिंदी | हरियाणा साहित्य | True Love Story
(प्रेम की यात्रा )
रोहन और रिया की कहानी एक ऐसी रोचक कहानी है जो प्रेम के अनगिनत व अनंत रंगों को दर्शाती है। दोनों ने एक दूसरे से स्कूल में मिले थे और वहीं से उनकी प्रेम कहानी की भी शुरुआत हुई थी।
प्रेम की यात्रा: एक हिंदी प्रेम कहानी
रोहन, आर्थिक रूप से समृद्ध परिवार का इकलौता लाड़ला लड़का था, जबकि रिया एक मेहनती व मध्यम वर्ग की मार झेलते ईमानदार परिवार से थी। भले ही उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति में बहुत बड़ा अंतर था, परंतु दोनों के बीच में प्रेम की भावना इतनी मजबूत थी कि उन्होंने कभी भी अपने परिवारों की आर्थिक स्थितियों को अपने प्रेम के मध्य में, आने ही नहीं दिया।
रिया स्वाभाविक रूप से बहुत खूबसूरत थी, लेकिन इसके बावजूद भी वह अन्य लड़कियों की तरह थोड़ा मेकअप करना पसंद करती थी। रोहन को यह बात बहुत अच्छी तरह मालूम थी, इसलिए वह समय-समय पर रिया के लिए मेकअप की छोटी-छोटी आवश्यक चीजें प्रदान कर उसे प्रसन्न करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ते थे।
रोहन यह जानता था कि रिया आर्थिक रूप से उतनी सक्षम नहीं है कि वह बाकी लड़कियों की तरह, अपने मेकअप की आवश्यक चीजें खरीदने पर व्यर्थ खर्च करे।
इसलिए, वह चाहता था कि रिया को बिल्कुल भी बुरा महसूस न हो। वह नहीं चाहता था कि रिया को यह लगे कि वह बाकी लड़कियों की तरह मेकअप नहीं कर सकती है।
रोहन की यही सोच थी कि वह रिया की सभी इच्छाएं पूरी करे, ताकि वह कभी भी अपनी आर्थिक स्थिति के कारण दुखी न हो। वह चाहता था कि रिया हमेशा खुश रहे और उसकी सभी जरूरतें पूरी हों। रोहन का यह प्यार और देखभाल रिया के लिए बहुत मायने रखती थी और वह रोहन के प्रति और भी ज्यादा आकर्षित होती जा रही थी।
रोहन हर सप्ताह कुछ न कुछ बहाना बनाकर मार्केट में बाहर चला जाता और वहाँ पर मॉल में मौजूद सेल्समैन, जो कि महिला लड़कियाँ थीं, उनकी मदद लेकर समय और चलन के अनुसार कुछ न कुछ ब्यूटी प्रोडक्ट्स का नया सामान खरीद कर ले आता।
True Love Story: Prem Ki Yatra
जब वह घर आता और रिया को यह सामान देता और समझाता कि यह डिस्काउंट रेट पर मिली है, ज्यादा खर्चीली तो बिल्कुल भी नहीं है।
रोहन तो रिया के सामने बहाना बनाकर अपनी बात रख लेता लेने में कामयाब हो ही जाता था, लेकिन रिया के लिए एक समस्या पैदा हो जाती थी की वह अपने ब्यूटी प्रोडक्ट्स कौन से सुरक्षित स्थान पर छुपाए क्योंकि अगर परिवारजनों को पता चला तो वे तीखे सवालों की बारिश करने लग जाएंगे..
कि इतना सारा मेकअप का सामान!
इतने पैसे कहाँ से आए? और........
रिया को लगता था कि अगर उसके परिजनों को यह पता चल गया तो वे उसकी आजादी और स्वतंत्रता को कम कर सकते हैं। इसलिए, वह मेकअप के सामान को छुपाने के लिए हमेशा सावधान रहती थी। उसके कमरे में एक छोटा सा आलमारी बना हुआ था, जहाँ वह अपने मेकअप के सामान को छुपा देती थी।
रिया की यह सावधानी और चतुरता, उसके परिजनों को कभी भी शक नहीं होने देती थी। लेकिन वह यह भी जानती थी कि यह गलत है। परिवार से बातें छुपाना सही कैसे हो सकता है।
क्योंकि रिया को अपनी माँ से यही सीख मिली थी कि विश्वास को केवल कमाना जाता है, तोड़ा नहीं।
रिया को यह बात बिल्कुल भी नहीं पता थी कि रोहन वास्तव में उसके लिए कितना सोचता है और उसकी खुशी के लिए क्या-क्या करता है।
Riya and Rohan Love Story
अब उन दोनों के प्यार की पटरियाँ जीवन की राह पे दौड़ती हुई कॉलेज तक पहुँच चुकी थीं। दोनों ने एक ही कॉलेज में एडमिशन लिया और वहाँ पर अपनी आगे की शिक्षा प्रारंभ की।
कॉलेज की नई जिंदगी में रिया और रोहन एक दूसरे के साथ और भी ज्यादा करीब आ गए। वे दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे, एक ही कैंटीन में बैठते थे, और एक ही कॉलेज के कॉरिडोर में घूमते थे।
उनका प्यार दिनों-दिन बढ़ता जा रहा था, और वे दोनों एक दूसरे के साथ हर पल बिताना चाहते थे। रोहन रिया को कॉलेज के बाद घर तक छोड़ने जाता था, और रिया, रोहन के साथ कॉलेज के बाहर चाय पीने जाती थी।
दोनों के पसंद में अगर कुछ अलग था, तो वह यह था कि रोहन को कॉफी पीना बेहद पसंद था, जबकि रिया को गरम-गरम, चुस्कीदार चाय पसंद थी।
लेकिन क्योंकि रिया को चाय पसंद थी और रोहन को रिया अत्यधिक पसंद थी, इसलिए धीरे-धीरे रोहन ने भी, कॉफी का त्याग कर, चाहे के असीम आनद का चुनाव कर लिया।
इस तरह, दोनों के बीच का प्यार और भी गहरा होता गया और वे दोनों एक दूसरे के साथ और भी ज्यादा जुड़ते चले गए। उनका प्यार दिनों-दिन बढ़ता जा रहा था और वे दोनों एक दूसरे के साथ खुशी से भरे जीवन की ओर बढ़ रहे थे।
उनका प्यार कॉलेज की दीवारों से लेकर कैंटीन की मेजों तक, हर जगह दिखाई देता था। और यह प्यार दिनों-दिन बढ़ता जा रहा था, जो उनके भविष्य को और भी सुंदर बनाने वाला था।
कॉलेज में धीरे-धीरे रिया और रोहन की प्रेम कहानी प्रचलित होती चली गई। सब लोग इनके प्रेम से वाकिफ होते चले गए। जैसा कि अक्सर समाज में होता है वैसे ही, इनकी भी बढ़ते प्रेम प्रसंग को देखकर बहुत सारे लड़के और लड़कियाँ इनसे जलते थे।
वे लोग इनकी प्रेम कहानी को लेकर तरह-तरह की बातें करते थे, लेकिन क्योंकि रिया और रोहन के प्रेम में कहीं सेंध लगाने की कोई गुंजाइश मौजूद नहीं थी, इसलिए कोई ज्यादा कुछ नुकसान नहीं कर पाया।
रिया और रोहन की प्रेम कहानी कॉलेज के इतिहास में एक सफल प्रेम कहानी के रूप में दर्ज हो गई। उनका प्यार इतना मजबूत था कि कोई भी उनके बीच में नहीं आ सकता था। वे दोनों एक दूसरे के साथ चलते-चलते कॉलेज के आखिरी पायदान पर पहुँच चुके थे।
भले ही वक़्त की चुनोतियाँ बाहें फलकर उनकी राहें तक रही थी लेकिन उन्होंने अपनी शिक्षा और सामर्थ के दम पर दूसरे शहर में स्थापित दो अलग-अलग कंपनियों में नोकरी प्राप्त की।
घर से ऑफिस की दूरी होने के कारण रिया और रोहन ने अपने-अपने ऑफिस के नजदीक रूम पर रहने का निश्चय किया। इससे उन्हें अपने ऑफिस तक जाने में आसानी होगी और वे अपने काम पर अधिक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।
रिया और रोहन ने अपने रूम को एक दूसरे के नजदीक लेने का फैसला किया, ताकि वे एक दूसरे से आसानी से मिल सकें और अपने रिश्ते को और भी मजबूत बना सकें।
उन दोनों की जोड़ी प्यार का एक ऐसा मुकाम बना रही थी जो उनके आसपास के लोगों को भी मंत्रमुग्ध करता था। रिया की 'खूबसूरती' और रोहन की 'स्नेही प्रकृति' ने उनके रिश्ते को और भी मजबूत और गहरा बना दिया था।
रोहन की, रिया के प्रति देखभाल और प्रेम के सम्मान की प्रवृत्ति, रिया को भी रोहन के ओर करीब आने के लिए मजबूर करती रहती थी। वे दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे और उनका प्यार दिनों-दिन बढ़ता जा रहा था।
रोहन और रिया ने एक दूसरे के साथ बहुत सारे यादगार पल बिताए। वे दोनों एक साथ पढ़ते थे, एक साथ घूमते भी थे और एक साथ मिलकर कुछ सपने भी देखते थे। उनका प्रेम दिन-ब-दिन मजबूत ही होता जा रहा था।
रोहन और रिया ने एक दूसरे के साथ शादी करने का फैसला किया, क्योंकि वे एक-दूसरे से प्यार करते हैं और वे एक साथ ही रहना चाहते हैं।
यकीन मानिए, यह एक सत्य एवं सुंदर बात है कि भविष्य का ज्ञान केवल ईश्वर को ही होता है। इंसान तो केवल वर्तमान की कठपुतली मात्र है जो हमेशा अच्छा होने की परिकाष्ठा करता है।
और यहाँ, इस कहानी में आज, वर्तमान ने एक अनोखा मोड़ लिया है।
आगे क्या होगा, यह जानने के लिए आगे पढ़ते है:
महकती हुई दिलकश हवाओं की वादियों के साथ, एक उड़ता हुआ, नटखट, चंचल और अति सुंदर तूफान, रोहन के ऑफिस में प्रवेश करता है, इस तूफान का नाम है "शालिनी"।
यह एक, बहुत ही दिलचस्प कहानी है:
शालिनी, रोहन के ऑफिस में एक नई एम्प्लोयी के तौर पर एंट्र हुई थी। शालिनी बेेहद खूबसूरत और आकर्षक थी। रोहन ने जब उसे पहली बार देखा तो यकीन ही नहीं हुआ कि उनके ऑफिस में भी कोई ऐसा पुष्प पुष्पित हो सकता है। सभी उसकी खूबसूरती से आकर्षित हो रहे थे। वो चाहे, रोहन हो या क्या कोई ओर....
रोहन धीरे-धीरे शालिनी की ओर आकर्षित होने लगा। क्योंकि शालिनी ऑफिस में नई थी अतः उसको भी किसी की आवश्यकता थी, अपने साथ के लिए। ऐसे में शालिनी को रोहन का साथ, कोई बुरा ऑप्शन नहीं लगा।
शालिनी रोहन के साथ घूमने लगी। उसकी दोस्ती को पसंद करने लगी और जल्द ही वे दोनों, देखते ही देखते, अच्छे दोस्त बन गए।
रिया और शालिनी की मुलाकात तब हुई जब, रोहन अपनी फेवरेट फुटबॉल टीम का मैच देखने के लिए मैदान पर पहुँचा। दर्शल, रोहन और रिया ने यह प्लान, 3 माह पहले ही फाइनल कर लिया था कि वे दोनों, अपने शहर में होने वाला, स्टेट चैंपियनशिप फ़ुटबॉल का फाइनल मैच देखने के लिए जरूर जाएँगे। लेकिन, आज इस मैच में तीसरा मेहमान भी जुड़ चुका था - यानी रोहन की नई दोस्त शालिनी।
रोहन, रिया और रोहन की नई नवेली दोस्त शालिनी फुटबॉल मैच देखने के लिए ग्राउंड पर पहुंचे। रिया को शुरुआत में शालिनी और रोहन का रिश्ता बहुत नॉर्मल लगा। लेकिन धीरे-धीरे, जब मैच आगे बढ़ा तो रोहन और शालिनी के विचारों का आदान-प्रदान, हँसी का संगम, कुछ बढ़ता ही चला गया। रिया धीरे-धीरे अकेलापन महसूस करने लगी। साथ ही अब, उनकी हरकतों की तरफ नजर रखते हुए उन्हें रिया को कुछ संदेह होने लगा।
रिया को कुछ अजीब से ख्याल आने लगे, जैसे कि रोहन और शालिनी के बीच कुछ गलत तो नहीं हो रहा है? ऐसे में रिया के मन में यह विचार भी आया कि रोहन ने अचानक तीसरी टिकट का इंतजाम कहां से किया? कुछ बताया भी नहीं।
एक तरफ फुटबॉल दौड़ रहा था तो दूसरी तरफ सुनामी की लहरें, रिया के मन की शांति को, उथल-पुथल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थी।
ऐसे में, प्रेम की दीवानी, रिया का, रोहन के साथ अपने रिश्ते को लेकर चिंतित होना स्वाभाविक था, लेकिन वह नहीं जानती थी कि क्या करना है। वह बस यह जानती थी कि उसे अपने रिश्ते की सच्चाई जानने की जरूरत है।
बरहाल, जैसे तैसे करके, फुटबॉल मैच के 45-45 मिनेट के दोनों हाफ़ समाप्त हो चुके थे। जहां रोहन की पसंदीदा टीम को अंतिम 10 मिनेट में हुए 2 गोलों की वजह से 3-4 के फाइनल स्कोर से हार का सामना करना पड़ा तो रिया को अनजान सच्चाई से उत्पन्न दुर्लभ, कष्टदाई, संदेहपूर्ण दृश्यों की वजह से खुद के दिल में धंधकती अग्नि की, भयंकर लपेटों का सामना करना पड़ा।
रोहन, रिया और शालिनी ने मैच के पश्चात, एक साथ प्रस्थान किया और वे एक-एक करके अपने घर पर पहुँच गए। रोहन ने शालिनी को उसके घर पर छोड़ दिया और फिर अपने घर की ओर चला गया।
उधर, रिया को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं थी कि रोहन, शालिनी के साथ इतना समय बिता रहा है।
रिया ने रोहन से, कुछ हिचकिचाते हुए लहज़े में पूछ ही लिया कि वह शालिनी के साथ इतना समय क्यों बिता रहा है, लेकिन रोहन ने कहा कि वह शालिनी को बस एक दोस्त के रूप में देखता है।
लेकिन रिया को यह बात समझ नहीं आई और उसने रोहन से दूरी बनाना प्रारंभ कर दिया। रोहन ने रिया को समझाने की कोशिश की, लेकिन रिया को अपने मन में सच्चाई की तस्वीर साफ-साफ दिखाई दे रही थी। अतः रिया ने उसकी बात नहीं सुनी।
इस तरह, रोहन और रिया की प्रेम कहानी में एक नया मोड़ आया और शालिनी की एंट्री ने उनके मध्य मौजूद पावन प्रेम संबंध, के गहरे बंधन की धज्जियां उड़ा कर रख दी।
रोहन और रिया के बीच की दूरी लगातार बढ़ रही थी, और रोहन शालिनी के साथ अधिक समय बिताने लगा था। शालिनी, रोहन के साथ समय बिताने में खुश थी, और वह उसके साथ अपने दिल की बातें भी साझा करने लगी थी।
एक दिन, रोहन और शालिनी ऑफिस से बाहर निकले और एक कॉफी शॉप में बैठ गए। शालिनी ने रोहन को बताया कि वह उसके साथ समय बिताने में बहुत खुश है, और वह उसके लिए कुछ आलग-सा महसूस करने लगी है।
रोहन ने मुस्कुराकर, शालिनी की बात सुनी और उसने महसूस किया कि, वास्तव में, वह भी शालिनी के लिए कुछ अजीब सी फीलिंग महसूस करने लगा है। लेकिन उसे रिया और शालिनी के मध्य किसको चुनना चाहिए? इनके लिए रोहन कुछ निर्धारित नहीं कर पा रहा था।
फिर जब, शालिनी ने रोहन को बताया कि वह उसके लिए अपने दिल की बातें साझा करना चाहती है, और वह रोहन का साथ पसंद करने लगी है। तो रोहन ने सोचा कि वह शालिनी को निराश नहीं कर सकता, और उसने शालिनी के साथ आगे बढ़ना जारी रखा।
इस तरह, रोहन और शालिनी की कहानी में एक नया मोड़ आया, और वे दोनों एक दूसरे के साथ एक नए रिश्ते की शुरुआत करने जा रहे थे।
रोहन और शालिनी ने अपनी डेटिंग शुरू कर दी थी। वे दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे और उनका रिश्ता दिन-ब-दिन मजबूत होता जा रहा था।
एक दिन, रोहन ने शालिनी को एक सरप्राइज डेट पर ले जाने का फैसला किया। उसने शालिनी को एक खूबसूरत रेस्टोरेंट में बुलाया, जहां उन्होंने एक साथ रोमांटिक डिनर किया।
शालिनी ने रोहन को बताया कि वह उसके साथ बहुत खुश है और वह उसके लिए अपने दिल की बातें साझा करना चाहती है। रोहन ने शालिनी की बात सुनी और उसने भी अपने दिल की बातें साझा कीं।
उस रात, रोहन और शालिनी ने एक दूसरे को अपने प्यार का इज़हार किया। वे दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे और उनका रिश्ता और भी मजबूत हो गया।
उधर रिया वापिस माता-पिता के पास चली गई, ताकि वह अपने जीवन को फिर से संगठित कर सके। रिया के जाने के बाद, रोहन और शालिनी बिल्कुल फ्री हो गए थे।
शालिनी की खूबसूरती दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी। उसके लंबे काले बाल, उसकी बड़ी-बड़ी आँखें, और उसकी खूबसूरत मुस्कान सभी को आकर्षित करती थी। रोहन उसकी खूबसूरती का दीवाना था और वह उसके साथ हर पल बिताना चाहता था।
एक दिन, रोहन ने अपनी पुरानी आदत के अनुसार, शालिनी को एक सरप्राइज दिया। उसने उसे एक खूबसूरत गुलाबी गाउन दिया और उसे बताया कि वह उसे एक विशेष डिनर पर ले जाना चाहता है। शालिनी ने गाउन पहना और रोहन के साथ डिनर पर गई।
डिनर के दौरान, रोहन ने शालिनी को पूूूछा कि क्या हम दोनों , एक साथ मिलकर जीवन बिता सकते है। शालिनी ने रोहन की बात सुनी लेकिन मज़ाकिया माहौल के चलते कुछ सही से तय नहीं हो पाया।
इस तरह, रोहन और शालिनी का रिश्ता भले ही सुरक्षित लग रहा था, लेकिन पटरी पर दौड़ती यह राजधानी अपने स्टेशन अर्थात गंतव्य का निर्धारण, अभी तक तो नहीं ही कर पाई थी।
रोहन और शालिनी का प्रेम मिलन जारी था। वे दोनों एक दूसरे के साथ हर पल बिताना चाहते थे। उनका प्यार मानो प्रवान पर था। वे दोनों, देश के अनेकों, सुंदर पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने में लीन थे।
एक ऐसी ही, मन-मोहक प्रेम यात्रा के मध्य, समुंद्र के किनारे पर पानी के आँचल को छू कर आती, बलखाती, लहराती मद-मस्त शीतल हवा के झोंको को सहते हुए, सुर्यउदय की लालीमई प्रकाशमान सोने की किरणों में चमकती हीरों जैसी शालिनी को पुनः बताया कि वह उसके लिए अपने जीवन को समर्पित करना चाहता है।
इस बार शालिनी ने, ध्यानपूर्वक रोहन की हर बात सुनी और उसने भी उसे बताया कि वह उसके साथ बहुत खुश है और वह भी उसके लिए अपने जीवन को समर्पित करने के लिए तैयार है। उन्होंने एक दूसरे को गले लगाया और अपने प्यार का पुनः इज़हार किया।
उस रात, रोहन और शालिनी ने एक साथ, अपने भविष्य के बारे में बहुत सारी बातें की। उन्होंने तय किया कि वे जल्द ही शादी करेंगे और एक साथ अपने जीवन को बिताएंगे।
रिया के साथ क्या हुआ?
क्या रिया अपने जीवन में आगे बढ़ पाएगी?
रोहन और शालिनी की शादी कब होगी?
क्या दोनों पक्ष के परिजन संतुलन हो पाएगा?......
लेख: महेश कुमार हरियाणवी
निवेदन:
इस लेख का किसी व्यक्ति विशेष से कोई लेनादेना नहीं है। ना ही हमारा औचित्य किसी को ठेस पहुँचाने का है।
अगर यह कहानी किसी के जीवन से मिल रही ही तो यह केवल एक सयोग मात्र हो सकता हैं।
अतः इसका कोई अन्य अर्थ ना निकाले।
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